
आयुक्त लोकशिक्षण नीरज दुबे ने प्रदेश के सभी डीईओ को पत्र जारी कर सभी निजी स्कूलों में शिक्षकों का चयन व भर्ती के समय शासकीय प्रतिनिधि की मौजूदगी सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। आयुक्त ने निजी स्कूल प्रबंधन को भी शिक्षकों की भर्ती के दौरान शासकीय प्रतिनिधि को बुलाने कहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी स्कूलों में डीएड, बीएड योग्यताधारी शिक्षक अनिवार्य किए गए हैं। अधिकांश स्कूल अभिभावकों से मोटी फीस तो लेते हैं लेकिन स्कूलों में 3 से 4 हजार रुपए के वेतन पर बिना डीएड, बीएडधारी शिक्षक ही नियुक्त कर लेते हैं।
इसी समस्या के समाधान के लिए तय किया गया है कि अब प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स की भर्ती के दौरान शिक्षा विभाग का एक अधिकारी इंवाल्व होगा जो अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन करेगा एवं सुनिश्चित करेगा कि अभ्यर्थी डीएड, बीएड योग्यताधारी है या नहीं। प्राइवेट स्कूलों को किसी भी टीचर की भर्ती से पहले शिक्षा विभाग से एनओसी लेनी होगी।