नई दिल्ली। राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल की एनकाउंटर में मौत के बाद विवाद बढ़ता ही जा रहा है। परिजन धरने पर बैठे हुए हैं। उन्होंने शव लेने से इंकार कर दिया। मंगलवार को तीसरा दिन है। आज भी आनंदपाल का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। परिजनों ने 6 मांगें सामने रखीं हैं। जिसमें एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग भी शामिल है।
उधर, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि व्यक्ति के मरने के बाद शव को पवित्र माना जाता है और अंतिम संस्कार से इनकार कर उसके साथ अत्याचार करना है। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे तो आनंदपाल के परिजन इस एनकाउंटर की सीबीआई से जांच करवा लें, हम दोषी हुए तो जेल जाने को तैयार हैं।
कटारिया ने सोमवार को पुलिस की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि आनंदपाल को आत्मसमर्पण के लिए कहा गया लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरु कर दी। आखिर आत्मरक्षा के लिए पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी। बता दें कि आनंदपाल को 24 जून की रात को चूरू जिले के मालासर गांव में पुलिस ने घेर लिया और एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई थी।
इन मांगों पर अड़े परिजन
एनकाउंटर की सीबीआई जांच हो।
अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हिरासत में लिए गए 50 लोगों को रिहा किया जाए।
बीकानेर जेल में आनंदपाल पर हुए हमले की सीबीआई जांच हो।
आंनदपाल की बेटी और अन्य रिश्तेदारों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर जेल में डालने की कार्रवाई तुरंत रुके।
आनंदपाल के गिरफ्तार भाईयों को अंतिम संस्कार में लाया जाए।
एनकाउंटर में दोषी पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया जाए।