नई दिल्ली। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी नौकरी में आरक्षण मामले में एक याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद उस पर आपत्ति दर्ज नहीं कराई जा सकती। इस तरह की आपत्तियां प्रक्रिया के दौरान ही फाइल की जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने शीलू व अन्य की असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन ऑफिसर के 29 पदों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। याची ने फिजिकल हैंडीकैप श्रेणी में सीट न रखने के चलते इन सीटों दावा किया था।
याचिका में बताया गया कि हरियाणा सरकार ने असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन ऑफिसर के 29 पदों के लिए आवेदन मांगा गया था। आवेदन करने की अंतिम तिथि 24 दिसंबर 1992 थी। याची ने कहा कि इस विज्ञापन को जारी करते हुए सरकार ने 24 जनवरी 1991 की पॉलिसी को ध्यान में नहीं रखा। पॉलिसी के तहत फिजिकल हैंडीकैप श्रेणी में आरक्षण दिया जाना था। ऐसे में 1 पद विकलांग कोटे का बनता था।
याची ने कहा कि वह योग्य था और उसे इस आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए था। ऐसे में यह पद एरियर, सीनियॉरिटी और अन्य लाभ के साथ याची को दिया जाए। इसके लिए याची ने हरियाणा सरकार को 3 रिप्रजेंटेशन भी सौंपी थी।
हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याची ने इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती 1998 में दी थी जबकि मार्च 1996 में फाइनल रिजल्ट घोषित किया जा चुका था। याची के दावे पर तब विचार किया जा सकता था जब उसने नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान या इससे पहले आवेदन किया होता। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद किए गए दावे को स्वीकार नहीं किया जाता सकता है।