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उन्होंने कहा, ‘‘भारत में प्रेम पवित्र है। यहां प्रेम राधा-कृष्ण, लैला-मजनू और हीर-रांझा की कहानियों के जरिए बयां किया जाता है लेकिन पश्चिमी संस्कृति में प्रेम का वाणिज्यीकरण है जिसके कारण वैलेंटाइन डे की शुरुआत हुई और जो अब बलात्कार, नाजायज बच्चों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के लिए जिम्मेदार है।’’ इंद्रेश ने कहा, ‘‘सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरा विश्व आज एेसी समस्याओं का सामना कर रहा है।
बता दें कि वेलेंटाइन डे, संत वेलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। यूं तो कई क्रिश्चियन शहीदों के नाम वेलेंटाइन थे। कैथोलिक चर्च ने औपचारिक रूप से ग्यारह वेलेंटाइन दिनों को मान्यता दी। 14 फ़रवरी को सम्मानित वेलेंटाइन हैं रोम के वेलेटाइन वलेंतिनुस प्रेस्ब.म. रोमे और टेर्नी के वेलेंटाइन (वलेंतिनुस एप. इन्तेराम्नेंसिस म. रोमे)। रोम के वेलेंटाइन एक पादरी थे जिनको लगभग 269 AD में शहादत मिली और वाया फ्लेमिनिया में उन्हें दफनाया गया था। उनके अवशेष रोम के सेंट प्राक्स्ड चर्च में और डब्लिन, आयरलैंड के व्हाइटफ्रियर स्ट्रीट कार्मेलाईट चर्च में हैं। संत वेलेंटाइन ने प्रेम के इजहार पर राजा की पाबंदियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। अत: उनकी याद में 14 फरवरी को प्रेमी युगल खुलकर अपने प्रेम का इजहार करते हैं। कहते हैं प्यार का कोई जाति धर्म नहीं होता। शायद इसीलिए ईसाईयों के इस त्यौहार को सभी जाति धर्म के प्रेमी युगल मनाते हैं।