नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर बहस शुरू हो गई है। इंद्रेश ने मंगलवार (पांच जून) को दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की तरफ से आयोजित इफ्तार में कहा था कि पैगंबर मोहम्मद और उनके परिवार के लोग मीट नहीं खाते थे। पैगंबर मोहम्मद ने मीट की तुलना जहर से की थी। बस इसी के बाद से एक नई बहस शुरू हो गई है। इस्लाम के जानकारों ने इंद्रेश के इस बयान को गलत करार दिया है।
जमात-ए-इस्लामी हिंद के मीडिया प्रभारी अरशद शेख ने इंद्रेश कुमार के बयान को गलत और भरमाने वाला बताया। उन्होंने कुरान और हदीस के उद्धरण देकर कहा है कि इंद्रेश कुमार के बयान का सच से कोई लेना देना नहीं है। आकिब रजा खान ने अपने रिपोर्ट में कुरान और हदीस (पैगंबर के समकालीनों के संस्मरण) के हवाले से बताया है कि पैगंबर मोहम्मद और उनके परिवार वाले मीट खाते थे। खान के अनुसार उन्हें अपनी पड़ताल के दौरान पैगंबर मोहम्मद द्वारा मीट की तुलना जहर से किए जाने का कोई सबूत नहीं मिला। खान ने अपनी रिपोर्ट में कुरान की जिन आयतों का हवाला दिया हैं उनका हिन्दी अनुवाद नीचे पेश है। यह अनुवाद हाफिज नज़र अहमद की टीम द्वारा किए गए कुरान के अनुवाद से लिए गए हैं।
कुरान, सूरा-ए-नहल की पाचवीं आयत
“उसी ने चारपायों को भी पैदा किया कि तुम्हारे लिए ऊन (ऊन की खाल और ऊन) से जाड़े का सामान है।” इस सूरा की छठवीं आयात है, “इसके अलावा और भी फायदे हैं और उनमें से कई को तुम खाते हो और जब तुम उन्हें शाम को चराई पर से लाते हो और जब सवेरे ही सवेरे चराई पर ले जाते हो।”
कुरान, सूरा-ए-नहल की सातवीं आयत
“तो उनकी वजह से तुम्हारी रौनक भी है और जिन शहरों तक बगैर बड़ा जान जोखिम में डाले बगैर के पहुंच न सकते थे वहां तक ये चौपाए भी तुम्हारे बोझे भी उठाए लिए फिरते हैं, इसमें कोई शक नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार बड़ा शफीक़ मेहरबान है।” आठवीं आयत, “और (उसी ने) घोड़ों खच्चरों और गधों को (पैदा किया) ताकि तुम उन पर सवार हो और (इसमें) ज़ीनत (भी) है।”