
केआरएच में झाड़ू पौंछा करने वाली संतोबाई ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति सुरेश की हत्या कर दी। फिर शव को ड्रम में रखकर जमीन में गाड़ दिया और उसके ऊपर शौचालय बनवा दिया। सात महीने तक इस बात संतोबाई छिपाए रखी, लेकिन सुरेश के भाई अशोक ने मांधोगंज थाने में 31 मई 2015 गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई, जब पुलिस ने मामले की जांच की तो मामला खुल गया।
माधोगंज पुलिस ने संतोबाई व रवि के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। संतोबाई को लीगल हेड से अधिवक्ता उपलब्ध कराया गया। ट्रायल के दौरान रवि की भूमिका संदिग्ध रही। इसके आधार पर रवि दोषमुक्त हो गया, लेकिन संतोबाई को कोर्ट ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 5 हजार का अर्थदंड लगाया है।