
ग्रुप में शामिल एक छात्र की मां ने बताया कि उनकी बेटी की 3 दोस्तों ने आत्महत्या की और जब स्कूल ने उनकी बेटी को सूइसाइड नोट लिखकर लाने को कहा, तो अपने दोस्तों की मौत को याद कर वह बहुत दुखी हो गई। महिला ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला, तो उन्होंने फौरन स्कूल में शिकायत की।
महिला ने ब्रिटेन के एक स्थानीय अखबार न्यूज शॉपर से बात करते हुए कहा, 'नाबालिग छात्रों को होमवर्क में सूइसाइड नोट लिखने को कहना किस लिहाज से अच्छी बात थी। इससे पहले 2 कक्षाओं के बच्चे यह काम कर चुके हैं। मेरी बेटी बेधड़क अपनी चीजें कह देती है, लेकिन हो सकता है कि कई ऐसे बच्चे हों जो अपनी बात खुलकर नहीं कह पाते हों और शायद अवसादग्रस्त भी हों।' एक अन्य अभिभावक ने बताया, 'अच्छी बात है कि बच्चे शेक्सपियर को पढ़ें, लेकिन उनसे सूइसाइड नोट लिखने को कहना सही नहीं है। जिस किसी शिक्षक ने भी यह आइडिया दिया हो, उसे वापस ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाना चाहिए।'
स्कूल के प्रिंसिपल ने इस पूरे प्रकरण पर खेद जताते हुए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना पर वाजिब कार्रवाई की गई है। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि आगे से कभी इस तरह के प्रॉजेक्ट्स छात्रों को नहीं दिए जाएंगे।