शाजापुर। महिला एसपी मोनिका शुक्ला ने आंदोलन कर रहे किसानों से निपटने के लिए नई रणनीति बनाकर काम किया। यह काफी कुछ कश्मीर जैसी थी। इधर किसानों ने पत्थरबाजी शुरू की तो बदले में पुलिस ने भी पत्थरबाजी कर डाली। पुलिस अपने साथ उन आम नागरिकों को भी लेकर आई थी जो किसान आंदोलन का विरोध कर रहे हैं। पुलिस ने आम नागरिकों के साथ मिलकर किसानों पर पत्थरबाजी की और प्रदर्शन कर रहे किसानों को खदेड़ दिया।
इधर पुलिस पूरी तैयारी से आई थी तो उधर किसान भी कमर कसे हुए थे। पुलिस ने लाठी उठाई तो किसानों ने उपद्रव शुरू कर दिया। इस बार पुलिस अपने साथ शहर के कुछ आम आदमियों को भी साथ लेकर आई थी। किसानों के पथराव के बदले पुलिस के साथ मिलकर आम नागरिकों ने भी किसानों पर पथराव किया। पूरे मूवमेंट को महिला एसपी मोनिका शुक्ला लीड कर रहीं थीं। जब पुलिस के साथ आम नागरिकों ने भी किसानों पर पथराव किया तो किसान वहां से भाग गए। इस आंदोलन में किसानों के चंगुल में फंसे एसडीएम राजेश यादव का पैर टूट गया जबकि उपद्रवियों ने 1 डंपर एवं 3 बाइकों को आग लगा दी।
पुलिस ने पास से मारी थी किसानों में गोलियां: PM रिपोर्ट
मंदसौर में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके शरीर से इंसास राइफल से चली गोलियां निकली हैं। ये राइफल सीआरपीएफ और पुलिस इस्तेमाल करती है। पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। यह भी पता चला है कि गोलियां पास से मारी गईं है। शासन ने घटनाक्रम के साथ तमाम जानकारियां प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह सचिव को बता दी हैं।