सीहोर। मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में 45 सड़कों का निर्माण करने वाली कंपनी SUNNY INFRASTRUCTURE PVT LTD ने घटिया निर्माण कर डाला। कहीं सड़क की मोटाई कम कर दी तो कहीं लंबाई में हेरफेर कर दिया। निर्माण पूरा करने से पहले बजट को 2 बार रिवाइज करवाया और पूरा पेमेंट भी ले लिया। अब स्थाई वित्तीय समिति ने कंपनी पर 22 करोड़ की रिकवरी निकाल दी है। इस मामले में कंपनी को लाभ पहुंचाने वाले ईई पर भी 40 लाख रुपए की वसूली निकाली गई है। कंपनी ने की गई कार्रवाई के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका फाइल की है।
कंपनी को यह काम 2011 से लेकर 2015 तक दिया गया था। जिन सड़कों में खामियां पाई गईं हैं, उनमें
अतरालिया केनाल से मंडी मार्ग (4 किमी) : 140 लाख की वसूली निकली। सीमेंट कांक्रीट की मोटाई 30 सेमी होनी थी, निकली 17 सेमी।
बसंतपुर पागरी से दांडी आख्या मोहल्ला मार्ग (2.60 किमी) : 56 लाख का काम सीधे रिजेक्ट किया। 229 लाख की वसूली होनी है।
मेनरोड से धामंदा मार्ग (3.50 किमी) : 160 लाख रुपए का काम रिजेक्ट किया। सीमेंट कांक्रीट की सड़क बनाते समय सतह मोटाई गलत थी।
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कंपनी पर 22 करोड़ रु. की रिकवरी निकाली गई है। साथ ही उसे पूरे प्रदेश के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। कंपनी हाईकोर्ट गई है। हमने भी अपनी तैयारी की है। जांच के बाद सड़कों में कमियां मिली थीं।
रामपाल सिंह, पीडब्ल्यूडी मंत्री
इनसे नहीं हुए सवाल
चूंकि मामला मुख्यमंत्री के गृह जिले का था। इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों की भी जिम्मेदारी थी, लेकिन तत्कालीन मुख्य अभियंता आरके व्यास और अधीक्षण यंत्री आरके वैद्य से कोई सवाल नहीं किया गया।
जिम्मेदार : तत्कालीन ईई -पीजी केलकर (वर्तमान में उज्जैन के ईई)
सीहोर जिले के बुधनी में ईई थे केलकर। तबादला उज्जैन कर दिया गया। उनके जाने के बाद जांच की गई तो गड़बड़ी निकली।
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मेरे जाने के बाद जांच में कमियां निकली हैं, जो वसूली होनी है हो जाएगी। एक माह रिटायरमेंट के बचे हैं। सरकार चाहे तो पेंशन से काट ले।
ईई -पीजी केलकर