
मंदसौर में हुई पुलिस फायरिंग और 6 किसानों की मौत के बाद मप्र का किसान आंदोलन देश भर का मुद्दा बन गया। इससे पहले तक शिवराज सरकार की रणनीति कामयाब हो रही थी। वो यह साबित करने में सफल हो रही थी कि किसान आंदोलन के नाम पर कुछ उपद्रवी तत्व जनता को परेशान कर रहे हैं। पुलिस फायरिंग के बाद माहौल बदल गया। सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। अब पूरे प्रदेश में किसान भड़क उठे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र से विशेष फोर्स मांगा है।
मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह पिछले कई सालों से यहां पदस्थ थे। सरकार को विश्वास था कि वे किसानों को समझाने में सफल रहेंगे, लेकिन हुआ उल्टा। आंदोलन भड़क उठा। खुद कलेक्टर भी उग्र भीड़ की मारपीट का शिकार बन गए। स्वतंत्र कुमार को उप सचिव बनाकर भोपाल बुला लिया गया है।
बिना कलेक्टर की परमिशन के पुलिस ने किसानों पर फायरिंग की। जिसमें 6 किसान मारे गए। इस हत्याकांड के बाद पुलिस फायरिंग से मुकर गई लेकिन बाद में उसे स्वीकारना पड़ा। ऐसे में एसपी ओपी त्रिपाठी को हटाया जाना अनिवार्य हो गया था।
दोनों के मंदसौर से हटाने के साथ ही सरकार ने कुछ अफसरों को फील्ड में तैनात किया है। तन्वी सुंद्रियाल को कलेक्टर रतलाम बनाया गया है। वे अब तक पर्यटन विकास निगम में अपर प्रबंधक थीं। वहीं खनिज विभाग में उप सचिव तरुण राठी को कलेक्टर शिवपुरी बनाकर भेजा गया है। आयुक्त नगर निगम सागर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को कलेक्टर नीमच बनाकर भेजा गया है।