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मुख्यमंत्री से मिलने आए परिजनों ने उन्हें पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि पूरा आंदोलन शांति के साथ चल रहा था, लेकिन पिपल्यामंडी के टीआई अनिल सिंह ठाकुर ने माहौल बिगाड़ दिया। इसके कारण घटना घटित हुई। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
बता दें कि मंदसौर में पुलिस फायरिंग के तत्काल बाद कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने ऐसे कोई भी आदेश देने से इंकार कर दिया था। पद से हटाए जाने के बाद भी वो यही कह रहे हैं कि उन्होंने फायरिंग के आदेश नहीं दिए थे। इधर गृहमंत्री ने भी बयान दिया था कि किसानों की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है परंतु जब पीएम रिपोर्ट आई तो किसानों के शरीर में पुलिस की गोलियां धंसी हुईं मिलीं। इस मामले में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किए जाने की मांग की जा रही है। सीएम ने इस मांग को स्वीकार किया या नहीं, अभी तक शासन की ओर से अधिकृत जानकारी नहीं आई है।