
29 अप्रैल को आई ब्लॉक निवासी सीमा कौशिक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। उसके पिता शांतिस्वरूप की ओर से मृतका के पति संजीव शर्मा सहित सास, ससुर, ननद, देवरों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने और दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
फिलहाल संजीव शर्मा जेल में बंद है। मृतका के भाई रोहित का कहना है कि तीन दिन पहले उसने आरोपी देवर और ससुर को खुद कपसाड़ गांव जाकर पुलिस से पकड़वाया था, मगर रात में ही पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया। आरोप है कि गंगानगर एसओ ने आरोपियों को यह कह छोड़ दिया कि वह पांच जुलाई तक कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले आएं। तब तक वह उन्हें गिरफ्तार नहीं करेंगे। रोहित का आरोप है कि वह गंगानगर एसओ के पास आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में पहुंचा तो उन्होंने रिश्वत मांगी।
मंगलवार सुबह 11 बजे इस मामले में मृतका सीमा की पांच वर्षीय पुत्री मानवी अपने मामा रोहित के साथ गुल्लक लेकर आईजी कार्यालय पर पहुंची। यह गुल्लक उसकी मां ने ही बनवाई थी, जिसमें मानवी पिछले डेढ़ साल से रुपये जमा कर रही है। मानवी ने आईजी को गुल्लक देते हुए कहा कि मेरे पास इतने ही रुपये हैं। मेरी मां के हत्यारों को पकड़वा दीजिए। यह देख आईजी का दिल भी पसीज गया। उन्होंने तुरंत एसएसपी को इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
आईजी दफ्तर से निकले वक्त टूटी गुल्लक
इसे दुर्योग ही कहिए कि पांच वर्षीय पुत्री मानवी जब आईजी से न्याय मांगकर लौट रही थी तो उसकी गुल्लक हाथों से छूटकर गिर गई। जिन पैसों को लेकर वह अपनी मां के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए अफसर के पास गई थी, वह पैसे सड़क पर बिखर गए। मासूम को जतन से एक-एक सिक्का और नोट समेटते उसे जिसने भी देखा, उसकी आंखें भर आईं।