भोपाल। मुबई की कंपनी YASHODA HYBRID SEEDS PRIVATE LIMITED ने मात्र 3 दिन में 100 टन बीच बेच दिया वो भी केवल बालाघाट में। इसी के साथ कंपनी एक बार फिर विवादों में आ गई है। इस कंपनी को चर्चाओं में कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन की कृपापात्र कंपनी कहा जाता है। पिछले दिनों भरे मंच पर सांसद बोधसिंह भगत एवं मंत्री बिसेन के बीच जो विवाद हुआ वो भी इसी कंपनी के कारण हुआ। सांसद भगत ने कंपनी की शिकायत की है। कंपनी पर एक बार प्रतिबंध लगाया गया फिर हटाया गया फिर लगाया गया। इस बीच बड़ा कारोबार हो गया।
कृषि संचालक डॉ. मोहनलाल मीणा ने बताया कि उप संचालक कृषि के आदेश पर कंपनी ने संयुक्त संचालक के पास अपील की थी। डायरेक्टर इन मामलों की सुनवाई नहीं करता है, लेकिन मामला गंभीर होने के कारण इसके सभी दस्तावेज मुख्यालय मंगाए जा रहे हैं। पूरे मामले का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
बीज अंकुरण में नहीं मिली थी क्लीनचिट
अधिकारियों के मुताबिक संयुक्त संचालक के पास अपील में यशोदा सीड्स के 15 सैंपल मानक स्तर के पाए गए थे, इस वजह से तीन जून को कंपनी से प्रतिबंध हटा दिया गया, लेकिन 6 जून को उप संचालक ने फिर रिपोर्ट दी कि कंपनी के बीज से अंकुरण नहीं होने के कारण इसे प्रतिबंधित किया गया है। इसके बाद संयुक्त संचालक ने फिर इस पर प्रतिबंध लगा दिया। इस बीच तीन दिन में कंपनी ने बालाघाट में 100 टन बीज बेच दिए थे। बालाघाट सांसद बोध सिंह भगत ने मंत्री से झगड़े के बाद बीज कंपनी से जुड़े मामले की शिकायत भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से की थी।