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उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 2013 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदेश में संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी। भर्ती नियम तैयार करते-करते चुनाव भी हो गए। इसके बाद से सरकार दो बार नियम जारी कर चुकी है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) 3 बार परीक्षा की संभावित तारीखें घोषित कर चुका है।
नियम से अलग अनुमति मांगी
विभाग के प्रस्ताव को मुख्य सचिव ने सामान्य प्रशासन विभाग भेजा था। जीएडी ने अतिथि शिक्षकों को 10 साल की छूट देने पर आपत्ति ली है। उसने कहा है कि जीएडी के नियमों के तहत निर्णय लें। वहीं लोक शिक्षण ने यह फाइल फिर से जीएडी को भेजी है। जिसमें लिखा है कि उन नियमों से अलग अनुमति मांग रहे हैं।
पहला प्रस्ताव
अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक की चयन प्रक्रिया में 200 से 399 दिन पढ़ाने पर 5, 400 से 599 दिन पढ़ाने पर 10 और 600 या उससे अधिक दिन पढ़ाने पर 15 अंक दे सकते हैं। जबकि 2015 के भर्ती नियमों में एक साल तक पढ़ाने वाले अतिथि को पांच और उससे ज्यादा साल पढ़ाने वाले को 15 अंक देने का प्रावधान था।
दूसरा प्रस्ताव
संविदा शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों को आयु सीमा में छूट दी जानी चाहिए। लोक शिक्षण संचालनालय ने कहा अधिकतम 10 साल या युवक ने जितने साल बतौर अतिथि काम किया हो। उतने साल की छूट आयु में देना चाहिए।
तीसरा प्रस्ताव
संविदा शाला शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों के लिए 15 से 20 फीसदी का कोटा तय कर देना चाहिए। यानि 20 हजार संविदा शिक्षकों की भर्ती होने पर 20 फीसदी के हिसाब से 4 हजार अतिथि शिक्षकों को सेवा में लेना होगा।
इनका कहना है
संविदा शिक्षकों की भर्ती हम भी जल्दी से जल्दी चाहते हैं। अतिथि शिक्षकों के लिए रास्ते बनाने में देरी हो रही है। सरकार चाहती है कि जो 10 साल से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, उन्हें नौकरी में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
विजय शाह, मंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग