
पांच और आठ साल के दोनों बालको के मुताबिक पिछले डेढ़ साल से उनकी मम्मी और पापा बिना तलाक के अलग रह रहे हैं, ऐसे में दोनों को कभी पापा और दादी के साथ रहना पड़ता है, तो कभी मां के साथ रहना पड़ता है और जब वो अपनी मां के अम्बिकापुरी स्थित निवास पर रहते हैं तो रात में 11 बजे एक अंकल आते हैं जिनके साथ मां मेलमिलाप करती है और सुबह उठने के बाद उनकी मां अंकल को पापा कहने के लिये दबाव बनाती है।
पीड़ित पक्ष की शिकायत के बाद कोर्ट ने मामले की जांच के आदेश महिला एवं बाल विकास विभाग को दिये और जब जांच में तथ्यों की पुष्टि हो गई और विभाग ने एक कॉपी थाना एरोड्रम भेजी। वहीं एक कॉपी कोर्ट में प्रस्तुत की, जिसके बाद कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेकर प्रथम श्रेणी न्यायधीश अमोद आर्य ने पीड़ित बच्चों के हित में कारवाई करते हुए धारा 12 के तहत मां को जबाव देने के लिए 23 अगस्त 2017 की तारीख दी है।
इधर इस मामले में बच्चों के हक में कार्रवाई करने के लिए एरोड्रम थाना पुलिस को भी कॉपी भेजी गई है। बच्चों ने शिकायत में माना था कि वो अपने पापा नहीं बदलना चाहते हैं। वहीं मां के दबाव के कारण उनकी मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है। फिलहाल मामला कोर्ट के संज्ञान में है और बच्चों को उम्मीद है कि उनके पापा नहीं बदले जाएंगे।