
दरअसल, सरकार ने लोकसेवा गारंटी अधिनियम को 2010 में लागू किया था। सर्वप्रथम 26 सेवाएं शुरू की थी। उसके बाद इनकी संख्या बढ़ाकर 52 कर दी गई थी। इसके दायरे में 16 विभाग आ रहे थे। वर्ष 2015 में लोकसेवा गारंटी अधिनियम में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सरकार ने अधिनियम का दायरा और बढ़ा दिया। इसमें 21 विभागों की 153 सेवाओं को शामिल कर लिया गया। जिसमें 2017 तक 30 विभाग की 302 सेवाओं को अधिसूचित कर दिया है। हैरत की बात तो यह है कि अधिसूचना जारी होने के बावजूद उसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। लोकसेवा केंद्रों पर अभी भी पुराने सॉफ्टवेयर से ही काम हो रहा है, ऐसे में नई अधिसूचित सेवाओं के आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। इसमें कई तरह की महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ समयावधि में नहीं मिल पा रहा है।
इन विभागों की जुड़ी सेवाएं
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग, मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल, स्टेट डेंटल काउंसिल, पेरामेडिकल काउंसिल मध्यप्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल, आयुष विभाग, मप्र स्टेट फार्मेसी काउंसिल, राज्य कृषि विपणन बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, नापतौल विभाग, सहकारिता विभाग, कार्यालय रजिस्ट्रार, फार्म्स एवं संस्थाएं, मप्र ट्रॉयफेक, संचालक वाष्पयंत्र की सेवाओं को लोक सेवा केंद्र से देने के लिए अधिसूचित कर दिया है।
अधिनियम के तहत यह सेवा है अधिसूचित
अधिनियम के तहत नापतौल विभाग की 12 सेवाएं अधिसूचित की गई है। इसमें नापतौल उपकरणों का मूल मुद्रांकन की सेवा के लिए 7 दिन, पेट्राल डीजल पंप का मूल मुद्रांकन के लिए 15 दिन, फलो मीटर का मूल मुद्रांकन 15 दिन, आटो रिक्शा का मुद्रांकन 7 दिन और सीएलजी, एलपीजी के लिए 15 दिन, स्टोरेज टैंक का मूल मुद्रांकन के लिए 15 कार्य दिवस तय किए गए है। इसके अलावा अधिकांश विभाग की सेवाओं के लिए 15 से 20 दिन का समय निर्धारित किया गया है।
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यह तो शासन स्तर का मामला है। लोक सेवा में सेवाएं अधिसूचित तो हो गई है लेकिन पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं हो पाई है।
प्रसून सोनी, जिला प्रबंधक, लोक सेवा केंद्र
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कुछ विभाग ऐसे होते है जिनका इंटरनल आटोमेशन अच्छा नहीं होता है। इसके अलावा फिलहाल 100 नई सेवाएं ही जुड़ी है। इनके विभाग को ऑनलाइन करने और फिर उसे लोक सेवा से जोड़ने में समय लगता है। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है। हम जल्द से जल्द सभी सेवाओं को ऑनलाइन कर देंगे।
हरिरंजन राव, सचिव, लोक सेवा प्रबंधन विभाग