
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का कहना है कि 'यदि घुड़सवार ही कमजोर हो तो घोड़े को बेलगाम होने से कोई नहीं रोक सकता।' इस मामले में कुछ ऐसा ही हो रहा है। अपनी पदस्थापना के समय हर काम नियमानुसार करने का ऐलान करने वाले डीईओ परमजीत सिंह गिल इन दिनों कुर्सी बचाने के लिए पार्षद स्तर के नेताओं से भी डर जाते हैं। शिक्षा विभाग के कमजोर कर्मचारियों पर पूरा शक्तिप्रदर्शन कर डालते हैं परंतु यदि कोई दूसरा अधिकारी उनके अधिकारों का अपहरण भी कर ले तो उफ तक नहीं कर पाते।
शिकायत मिली है कि शिवपुरी के बीईओ आॅफिस में 2-2 अकाउंटेंट हैं। वेतन बिल बनाने का काम महिला अकाउंटेंट कमलेश गुप्ता का है। सुनने में आया है कि कमलेश गुप्ता बीईओ आॅफिस में ठहरती ही नहीं हैं। उत्कृष्ठता विद्यालय उनका परमानेंट ठिकाना है। सेलेरी बिल के मामले में वो हमेशा लापरवाही करती हैं। अपना और अपनों का वेतन तो फटाफट आहरित हो जाता है। शेष सारे शिक्षा विभाग को अटका कर रखा जाता है। इस माह भी ऐसा ही हुआ है। बीईओ आॅफिस एवं उत्कृष्ठता विद्यालय का वेतन जारी हो गया है। शेष 1500 कर्मचारी 10 तारीख का इंतजार कर रहे हैं।