
कांग्रेस का दावा है कि उसने रणनीति बनाकर किसान आंदोलन और उनसे जुड़े सवालों को उठाया है। किसान आंदोलन से जुड़े सभी पक्षों को लेकर प्रश्न उठाए गए हैं। कृषि, गृह, पुलिस मुख्यालय, किसान संगठनों की मांग, गोलीकांड, न्यायिक जांच आयोग की स्थिति, भेल के दशहरा मैदान पर हुए मुख्यमंत्री के उपवास पर खर्च, राज्यपाल की ओर से केंद्र को भेजी रिपोर्ट, नर्मदा सेवा यात्रा में आए अतिथियों के आने-जाने, पूरे अभियान के प्रचार-प्रसार पर हुए खर्च से लेकर प्रधानमंत्री की यात्रा में लगाए वाहन सहित अन्य खर्चों को लेकर सवाल पूछे गए हैं।
1366 आश्वासन का नहीं दिया जवाब
विधानसभा सचिवालय ने बताया कि अभी तक 1366 आश्वासनों के जवाब विभागों ने नहीं दिए हैं। 165 लोक लेखा समिति की आपत्तियों का निराकरण नहीं हुआ है। 870 सवाल ऐसे हैं, जिनका पूरा जवाब विभागों ने नहीं दिया है। 45 शून्यकाल की सूचनाओं की जानकारी भी विधानसभा को नहीं भेजी गई है।
किसानों के सवाल पर उलझ गए हैं सारे विभाग
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि किसी एक मुद्दे पर एक सत्र में सर्वाधिक सवाल इस बार लगे हैं। किसानों से जुड़े सवालों को इस तरह से पूछा गया है कि उसमें ज्यादातर विभाग उलझ गए हैं। कृषि के साथ उद्यानिकी, गृह, खाद्य नागरिक आपूर्ति, सामान्य प्रशासन, पशुपालन, सहकारिता सहित अन्य विभागों में जवाब बनाए जा रहे हैं।