
1962 की स्थिति और ग्रहों का विश्लेषण
भारत का जन्म 15 अगस्त 1947 को माना जाता है। कर्क राशि मॆ सूर्य, चंद्र, शुक्र, शनि तथा बुध स्थित है जब भी किसी भी व्यक्ति की पत्रिका मॆ सूर्य और चंद्र से राहु केतु का भ्रमण होता है। उस समय जातक के जीवन मॆ आकस्मिक उठापटक होती है। 1962 मॆ राहु तथा केतु क्रमशः कर्क और मकर राशि से गुजर रहे थे। राहु का भ्रमण सूर्य और चंद्र से था साथ ही मकर राशि का शनि के शनि की दृष्टि भी इन ग्रहों पर थी। भारत को उस समय शनि की दशा मॆ राहु का अंतर तथा चंद्र का प्रत्यंतर चल रहा था। तीसरा स्थान पड़ोस का होता है। राहु लग्न मॆ शरीर को तकलीफ देता है। इसीलिये चीन हमारे एक हिस्से पर कब्जा कर लिया। राहु भारत के लग्न मॆ स्थित है तथा तीसरे स्थान मॆ शनि और चंद्र पड़ोस स्थान मॆ है। शनि चंद्र बिष (धोखा) योग बनाता है इसीलिये भारत के साथ धोखा हुआ।
वर्तमान ग्रह स्थिति
वर्तमान मॆ 19 अगस्त से राहु केतु क्रमशः कर्क तथा मकर राशि मॆ आ चुके है। राहु का भारत के पड़ोस स्थान (तीसरे) से भ्रमण होगा। जन्म के सूर्य और चंद्र से राहु का भ्रमण जैसा 1962 मॆ हुआ था। भारत को वर्तमान मॆ चंद्र मॆ राहु का अंतर जनवरी 17 से जूलाई 18 तक रहेगा। इस समय भारत के साथ चीन व पाकिस्तान षडयंत्र करेंगे 19 अगस्त से 11 सितम्बर तक का समय ज्यादा कष्टपूर्ण है। इसके पश्चात पूरा दिसम्बर 2017 घातक रहेगा इस समय चीन धोखा करेगा। भारत को अपने पडोसी पर बिलकुल भरोसा नही करना चाहिये। इसके बाद 1 अप्रेल से 13 जुलाई 18 तक का समय ठीक नही।
1962 और 2017 मॆ अंतर
इस समय शनि की दृष्टि सूर्य और चंद्र पर नही है। दूसरी बात गुरु छठे स्थान मॆ शत्रु नाश करता है। चीन को भारत का बाजार भी देखना है सो यह युद्ध की सम्भावना को कम करता है।फ़िर भी जुलाइ 2018 तक हमे अपने पडोसियो से सतर्क रहना चाहिये।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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