
अदालत ने जिन 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से रोड- मैप मांगा है, उनमें असम, महाराष्ट्र, ओडिसा, दिल्ली, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गोवा, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, चंडीगढ़, पुदुचेरी, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव, नागालैंड, दादर एवं नगर हवेली शामिल हैं। इससे पहले 12 राज्य सुप्रीम कोर्ट में रोड-मैप दे चुके हैं, जिसके अनुसार वे अपने यहां पुलिस विभाग में खाली पदों को भरेंगे।
दरअसल आकड़ों के मुताबिक देश मे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साढ़े पांच लाख पद पुलिस विभाग में खाली पड़े हैं। इनमे सबसे ज़्यादा डेढ़ लाख पद अकेले उत्तर प्रदेश में खाली हैं। उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्य कोर्ट को बता चुके हैं कि रिक्त पदों को वे कैसे और कब तक भरेंगे। कोर्ट ने इन राज्यों के रोड-मैप पर अपनी सहमति दे दी है।
इस मामले के संदर्भ में मनीष कुमार नाम के एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कोर्ट से राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई है कि कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पुलिस विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए कोर्ट राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करे।