
बता दें कि एनकाउंटर की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर बुधवार शाम को नागौर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसा झड़प हुई थी। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई। इसके बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था। सीएम हाउस के रणनीतिकारों का मानना है कि आनंदपाल का अंतिम संस्कार हो जाने के बाद राजपूतों का प्रदर्शन अपने आप ठंडा हो जाएगा। शायद इसीलिए हिंसक झड़प के बाद आनन फानन में आनंदपाल का शव जला दिया गया।
नागौर में बुधवार को हुई थी हिंसा
बुधवार को आनंदपाल सपोर्टर्स और अफसरों के बीच बातचीत नहीं बनी। इसके बाद सीबीआई जांच की मांग को लेकर सांवराद गांव में सभा बुलाई गई। इसमें भीड़ आक्रामक हो गई। शाम 7.30 बजे करीब 5000 हजार लोग रेलवे ट्रैक जाम करने पहुंच गए, स्टेशन पर तोड़फोड़ की और पटरियां उखाड़ दीं। बेकाबू भीड़ ने सिपाहियों की राइफलें तक छीन लीं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान तीन युवकों के गोलियां लगीं। एसपी परिस देशमुख को घेरकर कार में तोड़फोड़ की गई। इससे पहले दोपहर को गांव के बाहर टायर जलाकर जाम लगाने की कोशिश की। पुलिस और अन्य वाहनों पर पत्थर भी फेंके। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) एनआरके रेड्डी ने बताया कि देर रात सांवराद में कर्फ्यू लगा दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।