
व्यापमं परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप
राज्य शासन की ओर से खड़े हुए महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने दलील दी कि कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने आधारहीन तरीके से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उनकी पत्नी साधना सिंह पर व्यापमं कांस्टेबल परीक्षा में गड़बड़ी का दोषारोपण किया था। मिश्रा ने भोपाल के बाकायदे प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए गोंदिया के कुछ उम्मीदवारों का अनुचित तरीके से चयन करवाया।
ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि गोंदिया मुख्यमंत्री की ससुराल और उनकी पत्नी का मायका है। चूंकि कांग्रेस प्रवक्ता मिश्रा का बयान मानहानिकारक था, अतः राज्य शासन की ओर से भोपाल की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया गया। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 4 फरवरी को मिश्रा के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। जिसके खिलाफ मिश्रा ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मिश्रा को झटका देते हुए अपने आदेश में ट्रायल कोर्ट को मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने स्वतंत्र कर दिया था।