भोपाल। गुटबाजी और अध्यापकों से धोखेबाजी की राजनीति के खिलाफ गठित हुआ आजाद अध्यापक संघ अब स्पष्ट रूप से 2 हिस्सों में बंटा नजर आ रहा है। एक गुट को प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल लीड कर रहे हैं जबकि दूसरा गुट शिल्पी शिवान के साथ खड़ा हुआ है। इस बीच जावेद खान ने एक नया रास्ता चुन लिया है। अब वो जयभारत मंच में शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष बन गए हैं। बता दें कि कुछ रोज पहले ही जावेद खान और शिल्पी शिवान के बीच खुली तनातनी हुई थी।
शिल्पी शिवान ने भरत पटेल और उनके निजी साथियों की गैर मौजूदगी में आजाद अध्यापक संघ का प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन राजगढ़ में किया। इस अधिवेशन में प्रान्त प्रमुख श्रीमती शिल्पी शिवान व उपस्थित आजाद कोर कमिटी व प्रांतीय पदाधिकारियों की सहमति से खरगोन के शिवराज वर्मा को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। इसी के साथ स्पष्ट हो गया कि आजाद अध्यापक संघ अब भरत पटेल के बिना आगे बढ़ेगा। सामान्यत: संगठनों में कार्यकारी अध्यक्ष उस स्थिति में नियुक्त किया जाता है जब अध्यक्ष ठीक से काम ना कर रहा हो और उसे हटाना मुश्किल हो जाए। कभी कभी अध्यक्ष अपने प्रिय समर्थक को भी कार्यकारी अध्यक्ष के पद से नवाज देता है लेकिन यहां ऐसा नहीं है।
इसी के साथ शिल्पी शिवान ने अपने जीवन का सबसे सफल रहा आयोजन फिर से करने की तैयारी कर ली है। ऐलान नवनियुक्त शिवराज वर्मा ने किया। उन्होंने कहा आगामी 12 अगस्त तक यदि शासन ने बिना शर्त ट्रांसफर पॉलिसी आदेश जारी नही किए तो 13 अगस्त को एक दिवसीय तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। व 4 सितम्बर के पूर्व अध्यापको को सातवाँ वेतनमान व शिक्षा विभाग में यदि संविलियन आदेश नही किये गए, तो 5 सितम्बर को बहन शिल्पी सिवान के नेतृत्व में भोपाल में आमरण अनशन किया जावेगा। याद दिलाते चलें कि लोग आज भी मुरलीधर पाटीदार को सिर्फ इसलिए याद करते हैं क्योंकि उनमें जूझने की क्षमता थी। वो डरकर मैदान नहीं छोड़ते थे। इसके अलावा जितने भी नेता हुए, वो वल्लभ भवन और सीएम हाउस की लाइन में तो दिखाई दिए लेकिन मैदान में लंबा चलने वाला अनशन करते नजर नहीं आए।