
प्राइवेट स्कूलों की मान्यताओं के मामले में वर्तमान प्रदेश सरकार वैसे ही नियम लागू कर रही है जो वर्ष 2002 में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने किए थे। उन्होंने मान्यता के लिए दो एकड़ जमीन की अनिवार्यता की थी। उनका क्या हश्र हुआ, सबको पता है। ऐसे में वर्तमान में जो एक एकड़ जमीन की अनिवार्यता है, उसके लिए सरकार रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराए या फिर नियम ही वापस ले। और भी कई विसंगतियां हैं, जिनको लेकर 31 जुलाई को सभी प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों की बीएड-डीएड की अनिवार्यता भी अव्यवहारिक है। उन्होंने आरटीई का स्वागत करते हुए कहा कि इसके बदले में पैसा समय से मिलना चाहिए, जो हमें मिलता नहीं है। उन्होंने कहा कि कई स्कूलों की मान्यता होल्ड पर रखी गई हैं। डीईओ की फाइल बीआरसी ने दबा ली हैं। यदि कमी रह गई है तो अंडरटेकिंग पर मान्यता देना चाहिए।
आजाद ने सागर नागरिक विकास मंडल पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशासन ने जांच करा ली है, फिर भी यह लाेग किसी भी स्कूल में घुस जाते हैं। बच्चों को ले जाकर प्रदर्शन किया, जो कि गलत है। इस पर प्रशासन कार्रवाई करेगा? उन्होंने आरोप लगाए कि प्रशासन इनके समक्ष मौन रहता है। मनमानी फीस वसूली के सवाल के जवाब में धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि फीस को लेकर हमारी भी सरकार से मांग है कि प्रदेश में भी गुजरात मॉडल लागू हो। उन्होंने यह भी कहा कि अभिभावक क्वालिटी एजुकेशन चाहते हैं, इसीलिए सरकारी की जगह प्राइवेट स्कूलों में दाखिला कराते हैं।