जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने लिपिक संवर्ग की अवमानना याचिका में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कहा है कि लिपिक संवर्ग सहायक ग्रेड 1,2,3 की वेतन विसंगति दूर की जाए। जिसमे जस्टिस अंजुली पालो की एकलपीठ ने लिपिक संवर्ग की अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद राज्य सरकार को 4 सप्ताह के अंदर लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति को दूर करने के निर्देश दिए हैं।
यह याचिका श्री नानक राम जी के द्वारा दायर की गई थी जिसमें बताया गया था कि सहायक ग्रेड 1,2,3 के वेतन की विसंगति सन 1981 से चली आ रही है पटवारी,ग्राम सेवक, ग्राम सहायक , पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी व् अन्य संवर्ग लिपिक वर्ग से वेतन में पिछे था वह आज लिपिक वर्ग से अधिक वेतन ले रहे हैं। और इस तरह आज लिपिक और भृत्य के वेतन में सिर्फ 100 रूपए का अंतर रह गया है।
अतः इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पूर्व में कहा गया था कि लिपिके संवर्ग की वेतन विसंगतो को दूर करने के लिए कमेटी गठित की गई है इस पर न्यायालय ने 6 माह की समय सीमा में उक्त विसंगति को दूर करने के निर्देश सरकार को दिए थे। कोर्ट द्वारा निर्धारित समयावधि में वेतन विसंगति दूर न होने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी अधिवक्ता शक्ति सोनी पक्ष रखा। वहीं सरकार की ओर से समय प्रदान किये जाने का आग्रह किया गया जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने 4 सप्ताह का समय दिया।