![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi3WTeO6CIWnWI7hrXDirT42P_Pareco8bdRX0rB6VODiY21-aA4vf8Frez3Vf_qeX47uT6KpzDX9Xu3TyFl-iI-fjmdBmx5BXIJJzVOgfheFsjwD1blD_TE17-nIcZfd3qEhyphenhyphen70nPjMuQ/s1600/55.png)
यह खुलासा चीन के दावे को खारिज करने वाला है। चीन का कहना है कि सिक्किम सीमा पर भारत और भूटान के साथ उसकी संधि हुई थी, लेकिन नेहरू द्वारा लिखे गए पत्र में इस दावे का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है। पत्र में इस बात का खुलासा है कि जवाहरलाल नेहरू ने चीन के साथ तिब्बत और सिक्किम सीमाओं पर 1890 की संधि में समर्थन नहीं दिया था।
यह बात पूरी तरह से नेहरू के पत्र से साफ हुई है। यह मामला चीन, भूटान और भारत के पहाड़ी त्रिकोणीय जंक्शन सीमा में नई दिल्ली के बीजिंग के साथ मतभेदों को दर्शाता है। बता दें कि चीन के विदेश मामलों के प्रवक्ता जींग शुआंग ने 22 मार्च, 1959 को लिखे गए नेहरू के पत्र का हवाला देते हुए कहा था कि 1890 में ब्रिटिश काल में सिक्किम सीमा पर चीन, भूटान और भारत के बीच संधि हुई थी।