सागर। खबर आ रही है कि सागर खजिन विभाग एवं कुछ अन्य पॉवरफुल अफसरों ने मिलकर रातों रात 700 ट्रक अवैध काला पत्थर गायब कर दिया। बंडा के गांव सेमरा रामचंद्र में रविवार रात को हुई कार्रवाई के समय स्टॉक में रखा माल करीब 1000 ट्रक बताया गया था लेकिन रिकॉर्ड मे मात्र 300 ट्रक दर्ज किया गया है। इसमें भी 150 ट्रक माल को ही अवैध स्टॉक माना जा रहा है। इतना ही नहीं प्रशासन ने 150 ट्रक कालापत्थर की कुल कीमत 15 लाख रुपए आंकी है। इस हिसाब से तो एक ट्रक पत्थर महज 10 हजार रुपए का हुआ। विभाग ने इसी को आधार मानते हुए इस पर 10 गुना रॉयल्टी की औपचारिकता पूरी करते हुए ठेकेदार पर कुल 1.20 करोड़ के जुर्माने का प्रस्ताव बनाकर एसडीएम कोर्ट भेज दिया है।
कलेक्टर भी चुप
राजनीतिक दबाव के चलते खनिज विभाग के अफसर कुछ बोलने बच रहे हैं। कलेक्टर भी साफ तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं। पिछले तीन दिनों में जिस प्रकार इस मामले में लीपापोती की जा रही है। उससे तो यह साफ है कि राज्य सरकार के अधिकारी सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाने पर आमदा हैं, जो सरकारी खजाने में जुर्माने के रूप में जमा होना था।
माफिया को डराने के लिए की गई थी कार्रवाई
बताया जा रहा है कि खनिज माफिया का खुला राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। प्रशासनिक अधिकारियों को भी यह पता है, लेकिन सत्तासीन नेता, अधिकारी और माफिया के इस अपवित्र गठबंधन में दरार तब आ गई थी तब नेता और माफिया ने मिलकर अफसरशाही को इग्नोर करना शुरू कर दिया था। रविवार को जो कार्रवाई हुई वो सत्तासीन नेता, अधिकारी और माफिया के अपवित्र गठबंधन मजबूत बनाए रखने के लिए हुई थी और देखते ही देखते यह महागठबंधन एक बार फिर यथावत हो गया।