कालसर्प दोष का नाम सुनते ही इंसान डर जाता है। पंडितों ने 'कालसर्प दोष' के नाम पर लोगों में दहशत भर दी है। मोटी कमाई के लालच में लोगों को डराया जाता है और फिर महंगे पूजा अनुष्ठान कराए जाते हैं। ज्यादातर ज्योतिषी दावा करते हैं कि जिस व्यक्ति की कुण्डली में कालसर्प दोष होता है, उसका जीवन विषाक्त हो जाता है। भाग्य उससे रूठ जाता है। सफलताएं नहीं मिलतीं और जीवन तनाव से भर जाता है। परंतु यह सच नहीं है। भाजपा को देश में स्थापित करने वाली राजनेता राजमाता विजयाराजे सिंधिया, देश भर की मोबाइल सेवाओं में क्रांतिकारी विस्तार करने वाले धीरूभाई अंबानी, बसपा सुप्रीमो मायावती और फिल्मी दुनिया में भगवान की तरह पूजे जाने वाले सुपर स्टार रजनीकांत की पत्रिकाओं में भी कालसर्प दोष है और मजेदार तो यह है कि इसी दोष के कारण वो सफल हुए।
ग्वालियर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य सीताराम सिंह ने स्व. विजयाराजे सिंधिया की जन्मकुंडली का विश्लेषण करते हुए एक लेख में लिखा है कि उनकी कुंडली में महापदम नामक कालसर्प योग था, जिसके कारण वह जनता की परमप्रिय नेता बनीं। इसी प्रकार स्व. धीरूभाई अंबानी की कुंडली में वासुकी नामक कालसर्प योग था। इसमें ग्रहों की दशा के कारण गजकेसरी योग बना। वहीं फिल्म अभिनेता रजनीकांत की कुंडली में भी कर्कोटक नामक कालसर्प दोष है। इसमें उनके ग्रहों के कारण वह आज फिल्म जगत में सुप्रसिद्व सुपरस्टार हैं।
ऐसे बनता है कालसर्प योग
राहु और केतु के मध्य सभी 7 ग्रहों के आने से कालसर्प योग बनता है। जब राहु से केतु के मध्य अन्य ग्रह होते हैं तो उदित और जब केतु से राहु के मध्य ग्रह होते हैं तो अनुदित काल सर्प योग की रचना होती है। सूर्य की गति के कारण कालसर्प योग कभी भी 6 माह से अधिक अवधि के लिए नहीं आता है। इन 6 माह में भी चंद्रमा की गति के कारण 2 सप्ताह यह योग रहता है और 2 सप्ताह नहीं रहता है, जबकि कभी चंद्रमा धुरी से बाहर हो जाता है तो आंशिक कालसर्प योग होता है। आचार्य किशोर यश शर्मा ने अपने एक लेख में उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की कुंडली का विशलेषण करते हुए लिखा है कि उनकी कुंडली में कालसर्प दोष था, जिसमें उनके ग्रहों की दशा के कारण राजयोग बना और वह उत्तरप्रदेश की कई बार मुख्यमंत्री बन गईं।