
चक्काजाम से परेशान हुए लोग भी आंदोलनकारियों का समर्थन करते नजर आए। मीडिया बाइट्स के दौरान उन्होंने डूब प्रभावितों की मांगो को जायज बताते हुए कहा कि जब कोई कालोनाइजर किसी कालोनी को तैयार करने की परमिशन मांगता है तो उसे कालोनी में समस्त मूलभूत सुविधाओं को मुहैया करने पर ही परमिशन दी जाती है। ऐसे में पुनर्वास स्थलों पर बगैर मूलभूत सुविधाओं के डूब प्रभावित कैसे रहेंगे। वाहन चालकों ने कहा कि चक्काजाम से जनता परेशान हो रही है, इन मुद्दों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
बता दें कि 31 जुलाई डूब प्रभावित इलाकों को खाली कराने की आखरी तारीख थी परंतु सरकार कोई हल नहीं निकाल पाई। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद आंदोलनकारियों से मुलाकात कर चुके हैं परंतु वार्ता बिफल रही। इधर कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी इस मामले को प्रमुखता से उठा रहे हैं।