भोपाल। हबीबगंज स्टेशन स्थित संकट हरण हनुमान मंदिर को हटाने पहुंचा निजी कंपनी का एक कर्मचारी अचानक बेहोश हो गया। वह जैसे ही नागदेवता की प्रतिमा जमीन से निकाला, अपने होश खो बैठा। काफी देर तक हंगामे के बाद बुजुर्गों की सलाह मांगी गई। उनके बताए विधि विधान के अनुसार प्रतिमा को जस का तस स्थापित किया गया। कर्मचारी ने प्रतिमा के साथ दंडवत होकर क्षमा याचना की तब कहीं जाकर वो सामान्य हो सका।
हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य के बीच में आ रहे संकट मोचन हनुमान मंदिर को यहां के पुजारी की सहमति से हटाने का काम शुरू किया गया। जैसे ही निजी कंपनी के कर्मचारियों ने मंदिर से नाग देवता की प्रतिमा को जमीन से उठाया। एक कर्मचारी बेहोश हो गया। कर्मचारी की बिगड़ती हालत को देखते हुए लोगों की भीड़ लग गई और सभी की सलाह के बाद प्रतिमा को जस का तस स्थापित कर दिया गया। इसके बाद कर्मचारी होश में आ गया।
लोगों का कहना है कि मंदिर वर्षों पुराना है और यहां पर जो भी मुराद मांगी जाए, वह पूरी होती है। इस परिसर के चारो तरफ सांपों का वास है। हजारों की संख्या में सांप यहां पर रहते हैं। इससे पहले भी इस मंदिर में कई बार चमत्कार देखने को मिल चुका है।
लोगों का कहना है कि गलत भावना से नाग देवता की मूर्ति को हटाने की कोशिश की जा रही थी। जिसके परिणाम स्वरूप मूर्ति हटाने वाले मजदूर की जान भी जा सकती थी। क्योंकि मजदूर ने क्षमा मांग ली है और मूर्ति को पुनः उसी जगह पर स्थापित कर दिया है। इसलिए नाग देवता ने उन्हें क्षमा कर दिया है। यह लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। इस मंदिर में शंकर जी की पिंडी की भी पूजा होती है। अक्सर नाग देवता शंकर जी के ऊपर आकर लिपट जाते हैं। कई घंटो तक नाग देवता शंकर जी के पास बैठे रहते हैं। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
फिलहाल मंदिर को हटाने का काम रोक दिया गया है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां पचास साल से भी अधिक प्राचीन नागों की बाम्बी बनी हुई है, जिसमें कई नागों का निवास रहता है। मंदिर के समीप ही त्रैयम्बकेश्वर की तर्ज पर काल सर्प दोष निवारण की पूजा भी की जाती है।