
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फरवरी में नर्मदा यात्रा के दौरान मंच से घोषणा की थी कि अब नर्मदा की जलधारा अविरल बहती रहेगी। मुख्यमंत्री के इस आदेश का भी पालन नहीं हुआ और नर्मदा पूरे सावन माह में सूखी पड़ी है। इससे देशभर से यहां नर्मदा स्नान और ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर की सवारी निकलती है और नौका विहार भी कराया जाता है। नर्मदा सूखने की वजह से भगवान का नौका विहार भी पूरा नहीं हो रहा है। इससे धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस पहुंच रही है। नर्मदा का जलस्तर कम-ज्यादा होते रहने से दुर्घटना का भी अंदेशा बना रहता है। चट्टानों के बीच स्नान के दौरान कई श्रद्धालु घायल हुए हैं। खास बात यह है कि बांध के ठीक पीछे नर्मदा का जलस्तर 190 मीटर से अधिक है। इसके बावजूद तीर्थनगरी में नर्मदा सूखी है।
जलस्तर बनाए रखने का प्रयास
ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी का जलस्तर बनाए रखने का प्रयास करते हैं। कितनी भी टरबाइन चले पानी बना रहे, इसकी कोशिश रहती है। सावन सोमवार को जरूरत पड़ने पर पानी छुड़वा लिया जाता है।
अभिषेक सिंह, कलेक्टर खंडवा