भोपाल। किसान आंदोलन पर हंगामे से शुरू हुआ मप्र विधानसभा का मानसून सत्र नर्मदा आंदोलन का जिक्र आते ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। जबकि सदन अभी 2 दिन और चलाया जाना था। हंगामे के बीच सरकार ने अपने 6 विधेयक पारित करा लिए। इन पर कोई चर्चा नहीं हुई। विरोध में विधानसभा से सीएम हाउस घेरने निकले कांग्रेस के 34 विधायकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की आज की कार्यवाही में भी जमकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल शुरू होते ही विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने स्थगन प्रस्ताव पेश कर सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की समस्याओं को लेकर चर्चा की मांग की, लेकिन स्पीकर ने प्रश्नकाल के बाद विचार करने की बात कहकर टाल दिया। उचित विस्थापन की मांग कर रहे ग्रामीणों के सामने कल भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। हालात तनावपूर्ण हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने उपवास का ऐलान कर दिया है। बावजूद इसके मुद्दे को टाला गया तो प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेसी विधायक हंगामा करने लगे। विधानसभा स्पीकर ने 10 मिनिट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेसी विधायक फिर अपनी मांग पर अड़ गए और दोबारा सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
तीसरी बार जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष चर्चा की मांग पर अड़ा रहा और हंगामा करता रहा। इस बीच सत्तापक्ष ने सदन में 6 विधेयक पारित करा लिए और लगातार हंगामे के चलते विधेयक के पारित होते ही विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा 28 जुलाई तक चलनी थी, लेकिन समय से दो दिन पहले स्थगित किए जाने से कांग्रेसी भड़क गए और विधानसभा के गेट पर बैठकर जमकर नारेबाजी की।
34 कांग्रेसी विधायक गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार कांग्रेस विधायक राजधानी भोपाल स्थित विधानसभा से पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे। इसी बीच पुलिस ने उन्हे रोक लिया। बताया गया कि यह प्रतिबंधित क्षेत्र है। समूह बनाकर निकलने से कानून का उल्लंघन हो रहा है। इसी के साथ पुलिस ने सभी विधायकों को गिरफ्तार कर लिया। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और चार महिला विधायकों समेत सभी विधायकों को केंद्रीय जेल ले जाया गया।