भोपाल। प्रदेश में कर्मचारियों को एक जैसा वेतनमान देने की मांग सरकार ने ठुकरा दी। कांग्रेस विधायक निशंक जैन ने इसकी मांग उठाई पर वित्त मंत्री जयंत मलैया ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा, मंत्रालय, राजभवन और हाईकोर्ट के कर्मचारियों का काम विशिष्ट श्रेणी का होता है, इसलिए उन्हें अन्य कर्मचारियों से अलग वेतन मिलता है। उन्होंने स्वीकार किया कि लेखापाल के मामले में गड़बड़ी थी, जिसे दूर कर लिया है और एक जनवरी 2016 से उन्हें उच्च ग्रेड वेतन मिल रहा है।
प्रश्नकाल में गंजबासौदा से विधायक निशंक जैन ने सवाल उठाया था कि एक श्रेणी के कर्मचारी होने के बावजूद अलग-अलग वेतन मिल रहा है। सहायक ग्रेड तीन के जो 60 हजार कर्मचारी हैं, उनको समयमान वेतनमान 2006 से मिलना चाहिए था पर 2016 से दिया गया। इससे कर्मचारी नाराज हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि सहायक ग्रेड तीन के समयमान-वेतनमान में विसंगति थी। पहले उसका वेतन एक बार बढ़ता था और वो 2400 ग्रेड-पे पर पहुंचता था। लेखापाल का भी वेतनमान समान था, इसलिए उनको लाभ नहीं मिल पाता था। अब सहायक ग्रेड दो को 2400 की जगह 2800 ग्रेड-पे मिलता है।
जैन ने सभी कर्मचारियों को एक समान वेतनमान देने की मांग रखते हुए कहा कि एक को रेमंड का सूट और दूसरे को लोकल, ये नीति ठीक नहीं है। इससे वित्त मंत्री ने इनकार करते हुए कहा कि कुछ जगह विशिष्ट प्रकृति के काम हैं, इसलिए सबको एक जैसा वेतनमान नहीं दिया जा सकता है।