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तिब्बत की आजादी का फिर से समर्थन करना चाहिए
तिब्बत चीन को नहीं देना चाहिए था। पूरा देश दलाई लामा के साथ है। चीन खुद भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। सब जानते हैं कि चीन और पाकिस्तान मिलकर कश्मीर में आतंक को बढ़ा दे रहे हैं। यादव ने कहा कि अब किसी से छुपा नहीं है कि कश्मीर में चीन पाकिस्तान के साथ लड़ाई में उतर गया है। हमें इस समय तिब्बत की आजादी का फिर से समर्थन करना चाहिए। हिंदुस्तान की जिम्मेदारी है भूटान की रक्षा करना।
भूटान पर कब्जा कर रहा चीन
यादव ने कहा है कि पाकिस्तान से मिलकर कश्मीर में उतर रहा है चीन गौरतलब है कि सिक्किम में डोकलाम बॉर्डर पर चीन और भारत की सेनाएं पिछले एक महीने से आमने-सामने है. चीन ने भारत को अपनी सेना हटाने को कहा है और नहीं हटाने पर युद्ध की धमकी दे रहा है.
तिब्बत बॉर्डर पर भेजा सैन्य साजोसामान
इस बीच, डोकलाम को लेकर भारत के साथ जारी तनातनी के बीच चीन ने तिब्बत में दो सैन्य अभ्यासों के बहाने अपने हजारों टन सैन्य साजोसामान इन पठारों की तरफ भेजे हैं। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि सैन्य तैनाती में यह इजाफा सिक्किम सीमा के पास नहीं, बल्कि पश्चिम में शिनजियांग प्रांत के निकट उत्तरी तिब्बत में किया गया है। हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह है कि बीजिंग यादोंग से लेकर ल्हासा तक फैले अपने रेल और सड़क नेटवर्क के जरिये इन सैन्य साजोसामान को सिक्किम सीमा के निकट नाथू-ला तक पहुंचा सकता है। चीनी सेना को अपने एक्सप्रेसवे नेटवर्क के जरिये करीब 700 किलोमीटर की यह दूरी तय करने में महज छह से सात घंटे का वक्त लगेगा।