नई दिल्ली। सांसद एवं कांग्रेस के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस में आत्म निरीक्षण का दौर खत्म हो गया है। एक गेमप्लान रेडी है और जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी केंद्र में विपक्ष का चैहरा होंगे और उन्ही की लीडरशिप में 2019 का चुनाव लड़ा जाएगा। सिंधिया के ताजा बयान में कांग्रेस के कई सवालों के जवाब छिपे हैं। लोग अपने अपने तरीके से इन्हें तलाश रहे हैं। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आत्मनिरीक्षण का समय अब खत्म हो गया है। पार्टी को 2019 के चुनावों में अपनी संभावनाओं को सुधारने के लिए जल्द ही एक योजना पर काम करना होगा। सिंधिया ने दावा किया कि 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार को उसी तरह हार का सामना करना पड़ेगा, जैसे 2004 के चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी को 'भारत उदय' का नारा देने के बाद करना पड़ा था।
राहुल गांधी होंगे विपक्ष का प्रमुख चैहरा
जब सिंधिया से पूछा गया कि आने वाले आम चुनावों में पार्टी का चेहरा कौन होगा तो उन्होंने बताया, 'राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और वह ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे।' इसके बाद उनसे पूछा गया कि क्या राहुल गांधी आने वाले चुनाव में बड़े विपक्ष का भी चेहरा होंगे तो सिंधिया ने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है।' वहीं सिंधिया ने इस बात की भी संभावना जताई कि अक्टूबर में होने वाले संगठनात्मक चुनाव में राहुल गांधी को पार्टी का कमान सौंपी जा सकती है। बता दें कि इसे लेकर पहले भी अटकलें लगाई जा चुकी हैं कि राहुल गांधी को अपनी मां सोनिया गांधी का पदभार संभालना चाहिए। सोनिया गांधी लंबे समय से पार्टी प्रमुख का काम कर रही हैं।
आप हमेशा के लिए सबको बेवकूफ नहीं बना सकते
सिंधिया ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार बातें करने में तो बेहद आगे है, लेकिन काम के मामले में बेहद कमजोर है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'अब्राहम लिंकन ने कहा था कि आप सब लोगों को कुछ समय के लिए बेवकूफ बना सकते हैं, कुछ लोगों को हमेशा के लिए बेवकूफ बना सकते हैं, लेकिन आप हमेशा के लिए सबको बेवकूफ नहीं बना सकते।' उन्होंने कहा कि सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगा अगर जमीनी हकीकत अलग है। यह बिल्कुल 'इंडिया शाइनिंग' जैसा ही सपना है, जैसा आपने 2003-2004 में दिखाया था।
हालांकि सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस को अपने किए कार्यों को जनता के सामने लाना होगा। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम अपने काम को भी साथ-साथ आगे बढ़ाते रहें। सभी राज्यों के चुनाव के साथ-साथ 2019 के चुनाव को भी ध्यान में रखना होगा।'
जल्द ही गेमप्लान पर काम शुरू होने वाला है
2014 में केंद्र से सत्ता जाने के बाद पंजाब अकेला ऐसा बड़ा राज्य है, जहां कांग्रेस अच्छे ढंग से सत्ता में आई है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों में उतार-चढ़ाव आता रहता है। इसके साथ ही उन्होंने 2004 और 2009 में कांग्रेस की सरकार बनाने की बात भी याद दिलाई। उन्होंने कहा, 'लेकिन उसके बाद हम जनता पर अपना भरोसा कायम रख पाने में नाकामयाब रहे, इसलिए हमें अब नए प्लान पर काम करने की जरूरत है। मुझे लगता है आत्ममंथन और खुद की कमियां ढूंढने का समय खत्म हो गया है। 2014 के चुनावों को 3 साल बीत चुके हैं। अब हमें गेम प्लान पर काम करना होगा। मुझे लगता है कि राहुल जी जल्द ही गेमप्लान पर काम करना शुरू कर देंगे।'
हम क्षमता और प्रतिभा देखते हैं
जब ज्योतिरादित्य सिंधिया से पूछा गया कि क्या पार्टी में युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि पार्टी में क्षमता और प्रतिभा को आगे बढ़ाया जाएगा, इसका उम्र से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि युवा और बुजुर्ग का कोई मतलब नहीं है। पार्टी में इससे आगे सोचा जाता है। यह पूरी तरह क्षमता का मामला है। आप युवा भी हो सकते हैं और क्षमतावान भी हो सकते हैं या फिर इसके उलट हो सकता है कि आपमें क्षमता भी न हो और आप उम्र में भी ज्यादा हों। तो आपको प्रतिभा को आगे बढ़ाना होता है, क्षमता को आगे बढ़ाना होता है। इसका आधार कतई भी उम्र नहीं हो सकती है।'
हम जुमलेबाजी नहीं करेंगे
जब कांग्रेस नेता से पूछा गया कि क्या उनके हमले सरकार पर होंगे या मोदी केंद्रित होंगे। इस पर सिंधिया ने कहा कि पार्टी सरकार की विफलताओं को हमेशा उजागर करती रहेगी। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी हमेशा अपनी प्राथमिकताओं, अपने विजन और अपने मूल्यों पर भरोसा करती आई है। पार्टी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में क्या किया और आगे क्या करेगी, यह सब जनता को बताया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'इसके अलावा हमें एक जिम्मेदार विपक्ष का किरदार भी निभाना होगा। इसके लिए सरकार को उसकी जिम्मेदारियों को अहसास कराते रहना होगा।'