पियूष पांडे/मण्डला। आपने इंसानों को पिकनिक मनाते व ब्यूटी पार्लर जाते जरूर देखा या सुना होगा मगर जानवरों की पिकनिक और उनके ब्यूटी पार्लर की खबर न तो देखी होगी और न ही कभी सुनी होगी। जी हाँ दुनिया भर में मशहूर कान्हा नेशनल पार्क में हाथियों की खातिरदारी करने सात दिनों तक विशेष इंतज़ाम किये गये हैं। पार्क प्रबंधन द्वारा हाथियों के भोजन का ख़ास ख्याल रखा जा रहा है। जिसके लिये बाकायदा मीनू बनाकर हाथियों का पसंदीदा डिश और फ्रूट की व्यवस्था की गई है। हैरत की बात तो यह है कि हाथियों की आवभगत करने वनकर्मियों को स्पेशल ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
हाथियों की खुशामदी का सिलसिला अलसुबह से शुरू हो जाता है। सुबह से महावतों द्वारा सभी हाथियों को एकत्रित करने के बाद उन्हें नदी में घंटों नहलाया जाता है। उसके बाद हाथियों के नाख़ून काटे जाते हैं फिर नीम के तेल से हाथी के पूरे शरीर की मालिश की जाती है। विशेषज्ञों व चिकित्सकों द्वारा हाथियों का स्वास्थ परीक्षण किया जाता है और घंटों खुशामदी करने के बाद हाथियों को उनका प्रिय भोजन और फल खिलाया जाता है। हाथियों के लिए मक्के और बाज़रे की रोटियां, नारियल, केला, गन्ना और वो तमाम चीजें खिलाई जाती है जो गजराज को पसंद होती है।
हाथियों की खुशामदी का यह सिलसिला एक हफ्ते तक ऐसे ही चलता है जिसके लिए पार्क प्रबंधन द्वारा अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती की जाती है। गौरतलब है कि हज़ारों किलोमीटर जंगल स्थित कान्हा नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों की सुरक्षा इन्ही हाथियों के बदौलत की जाती है। घने जंगलों और दुर्गम रास्तों में जहाँ वाहन चलना तो दूर पैदल चलना भी असंभव रहता है वहां हाथियों पर बैठकर वनकर्मी दिन रात गश्त करते हैं। जब कोई वन्य प्राणी घायल या अस्वस्थ होता है तो इन्ही हाथियों पर बैठकर चिकित्सक उस वन्य प्राणी तक पहुँच पाते हैं।