इंदौर। दो कैदियों को भगाने के आरोप में बुधवार रात इंदौर के चार पुलिसकर्मियों को वालिया (गुजरात) में गिरफ्तार कर लिया गया। हवलदार मनरूप ने अपने मोबाइल फोन से कैदियों के साथियों को बुलाना कबूल लिया है। पुलिस लाइन के हवलदार मनरूप, सिपाही मंशाराम, भरत जाट और डोंगर सिंह, जिला जेल में बंद कुख्यात बदमाश संतोष कुमार सिंह और बृजभूषण पांडे उर्फ बटुल को सोमवार सुबह वालिया (गुजरात) पेशी पर ले गए थे। मंगलवार सुबह पुलिसकर्मियों ने बताया कि संतोष और बृजभूषण के साथी सरेराह फायरिंग कर उसे छुड़ा ले गए। उन्होंने हवलदार मनरूप का अपहरण भी कर लिया था। उसके साथ मारपीट की। रुपए व मोबाइल छीनने के बाद उसे जंगल में फेंक दिया।
जांच में खुलासा हुआ कि चारों पुलिसकर्मियों ने बदमाशों को पेशी पर ले जाने के दौरान लापरवाही बरती। उन्होंने खुद की गलतियां छिपाते हुए पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी रिपोर्ट भी लिखाई। वहीं गुजरात का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) व लोकल क्राइम ब्रांच (एलसीबी) कैदियों की तलाश कर रही हैं।
महाराष्ट्र से चुराई कार में आए थे गैंगस्टर के साथी
पुलिस के मुताबिक, संतोष मूलतः रघुनाथपुर सिवान (बिहार) और बटुल मझगांव गोरखपुर (उप्र) का रहने वाला है। दोनों पर लूट, हत्या के करीब 28 मामले दर्ज हैं। आरोपी गुजरात के गुड्डू भारती उर्फ शिवशंकर गिरोह से जुड़े हैं। घटना के बाद दो सिपाहियों ने बताया कि उन्हें अंकलेश्वर से सफेद रंग की कार में बैठाया गया था। सुनसान रास्ता देख ड्राइवर ने पंक्चर के बहाने कार रोकी और भाग गया। दोनों पुलिसकर्मी कार लेकर थाने पहुंचे और घटनाक्रम बताया। जांच में खुलासा हुआ कि कार महाराष्ट्र से चुराई गई थी। पुलिस ने कड़ी पूछताछ की तो दोनों सिपाहियों ने आरोपियों से सांठगांठ कबूल ली।
वालिया पुलिस ने इंदौर पुलिस को बताया कि चारों पुलिसकर्मी संतोष व बृजभूषण को लेकर मंगलवार अलसुबह अंकलेश्वर रेलवे स्टेशन पहुंचे। हवलदार मनरूप ने अपने मोबाइल से कॉल कर संतोष (कैदी) के साथियों को बुलाया। कुछ देर में दो कार (क्रेटा व स्विफ्ट) में बदमाश आ गए। मनरूप एक सिपाही और कैदियों के साथ क्रेटा में बैठ गया, जबकि रायफलधारी सिपाहियों को उसने स्विफ्ट कार में बैठा दिया।