शिमला। कंपनी राज की प्रताड़ना से बचाने की मांग पर अड़े आउटसोर्स कर्मचारी सोमवार को सचिवालय के बाहर खूब गरजे। हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने सचिवालय का घेराव किया। इस दौरान उन्होंने सचिवालय में धरना देकर सरकार पर अपने किए वायदे से मुकरने का आरोप लगाया। कर्मचारियों की मांग थी कि सरकार उन्हें कंपनी राज से निकालकर कॉरपोरेशन में मर्ज करे और सिर्फ वेतन सरकारी कर्मचारी के बराबर दे दे। इसके अलावा 58 साल तक न निकालने के संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी कर दे। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष धीरज चौहान ने कहा कि इन तीन मांगों के अलावा अब आउटसोर्स कर्मचारी कोई मांग नहीं कर रहे हैं।
कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि सूबे में कर्मचारियों के आंदोलन के बावजूद सरकार का कोई नुमाइंदा मिलने नहीं आया। कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो वह न सिर्फ आंदोलन को और तेज करेंगे बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी मांगों की अनदेखी का जवाब देंगे।
कारपोरेशन में मर्ज करे सरकार, समान काम समान वेतन दे सरकार
इससे पहले कर्मचारियों ने पुराने बस अड्डे से सचिवालय तक रैली भी निकाली। चौहान ने दावा किया कि जो कर्मचारी रैली में शामिल नहीं हो पाए थे, उन्होंने अपने-अपने जिलों में एक दिन का कार्य बहिष्कार किया। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने खुद कैबिनेट में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए ठोस नीति बनाकर लाभ दिलाने का एलान किया था।
आउटसोर्स कर्मचारियों के कार्यक्रम में भी उन्होंने और युकां प्रदेश अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने यही बात कही। लेकिन अब सरकार अपने ही किए वायदे से मुकर रही है। कहा कि सरकार उन्हें भले ही रेगुलर न करे लेकिन वेतन और नौकरी बने रहने का भरोसा देकर हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों का विश्वास जीत सकती है।