भोपाल। शासकीय कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने वाली शिवराज सिंह सरकार लगातार मामले को टालने वाली नीति पर काम कर रही थी परंतु अब कहा जा रहा है कि शिवराज सिंह सरकार को कुछ नए टिप्स मिल गए हैं और वो सुप्रीम कोर्ट में मामले को पेंडिंग करवाने के बजाए बहस में भाग लेगी। इस केस से जुड़े अफसरों को पूरा भरोसा है कि अब उनके पास जीत के लिए पर्याप्त आधार उपलब्ध हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में पिछले कई महीनों से लटके इस केस की सुनवाई की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे- वैसे दिल्ली में एक बार फिर केस से जुुड़ी हलचल तेज हो गई है। केस की पैरवी कर रहे अफसरों का दावा है कि राज्य सरकार अब इस केस की सुनवाई से पीछे नही हटेगी।
सुप्रीम कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे अफसरों और अधिवक्ताओं की मानें तो राज्य सरकार अब केस की बहस के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस मामले में सारे दस्तावेज भी तैयार कर लिए गए है। जो केस की सुनवाई शुरु होने के साथ ही कोर्ट में पेश किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल इस केस की सुनवाई अब 10 अगस्त को होनी है। बता दें कि प्रमोशन में आरक्षण से जुड़े इस मामले के लटके होने से प्रदेश में हजारों कर्मचारियों और अधिकारियों का भविष्य अधर में लटका है। स्थिति यह है कि प्रदेश के बड़ी संख्या में कर्मचारी बगैर प्रमोशन के ही सेवानिवृत्ति हो रहे है।