
सोने का तमगा हासिल करने के बाद उन्होंने कहा, "ओलम्पिक के बाद मैं पांच महीनों तक खेल से दूर रही. जब मैंने अभ्यास करना शुरू किया तब भी मैं अच्छा नहीं कर पा रही थी. दिसंबर में मैंने राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लिया और धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी." उन्होंने कहा, "इस चैम्पियनशिप में एशिया के शीर्ष खिलाड़ी नहीं आए हैं इसलिए यहां का स्तर मेरे हिसाब से थोड़ा कम था."
इस ओलम्पियन ने कहा, "मैं दो ओलम्पिक में हिस्सा ले चुकी हूं और कुछ हासिल करना चाहती हूं. मैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतना चाहती हूं. मेरा लक्ष्य एशियन चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करना था. अब मैं अगले महीने होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं."
इस स्पर्धा में भारत की एक अन्य धाविका पारुल चौधरी को चौथा स्थान मिला. पारुल निराशाजनक तौर पर 10.22.99 मिनट का समय निकाल सकीं.