
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब छठवें वेतनमान की गणना का मूल आधार विद्यमान वेतनमान है तो सेवाकाल के आधार पर गणना नहीँ होनी चाहिये। इससे 2007 के पूर्व की सेवा का कोई लाभ नहीँ मिलेगा। यदि सेवाकाल से ही गणना की जानी है तो क्रमोन्नति मामले में क्रमोन्नत वेतन के आधार पर तालिका तैयार कर उदाहरण प्रारूप जारी किये जाएँ क्योकि जारी गणना पत्रक में क्रमोन्नति प्राप्त कर चुके अध्यापकों के वेतन निर्धारण का भी कोई तरीका नहीँ बताया गया है। ग्रीन कार्ड धारी अध्यापकों को भी लाभ नहीँ मिल पायेगा।
सेवा अवधि के आधार पर गणना करने पर दिसम्बर 15 में प्राप्त विद्दमान वेतन से तालिका में दिया गया विद्दमान वेतन कम आता है। जिससे छठवें वेतनमान में वेतन कम हो रहा है। जारी गणना पत्रक में वरिष्ठ अध्यापक के क्रमौन्न्त वेतनमान का उल्लेख नहीँ है। संघ ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई है कि पूर्व में जारी गणना पत्रक में संशोधन करने की बजाये सरकार ने उसे निरस्त कर दिया जबकि उस गणना पत्रक के फॉर्मूले के आधार पर 9 माह से वेतन ले रहे है।
अब नये गणना पत्रक के नये फॉर्मूले के आधार पर रिकवरी बनेगी जिसका दोषी अध्यापक बिलकुल नही है। नये गणना पत्रक में नगद भुगतान जुलाई 17 से देने का उल्लेख है। जबकि पूर्व गणना पत्रक के आधार पर ओक्टुबर 16 से छठवां वेतन ले रहे है इस राशि के समायोजन की बात नही की गई। छठवें वेतन का एरियर इस वर्ष से मिलना था उसे 2018 से आगामी 3 वर्षों में कर दिया है। अध्यापकों की अपेक्षा थी कि तीसरी बार गणना पत्रक आ रहा है तो पूरी तरह समाधानकारक होगा लेकिन ऐसा नही होने पर राज्य अध्यापक संघ अपना 9 जुलाई का ज्ञापन का कार्यक्रम यथावत रखा है। ज्ञापन नारायणगंज में बीजेपी जिलाध्यक्ष रतन सिंह ठाकुर को सौंपा जायेगा। संघ सातवें वेतनमान ऑर शिक्षा विभाग में सम्विल्यन के साथ 6वे वेतनमान की गणना के लिये उदाहरण प्रारूप जारी करने की माँग करेगा।