भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ना केवल अपने कार्यकाल में हुए घोटालों पर लीपापोती करती है बल्कि कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार के समय हुए घोटालों की फाइलों पर धूल चढ़ाने में कसर नहीं छोड़ रही है। भिंड में 16 साल पहले कम्प्यूटर खरीदी घोटाला हुआ था। ईओडब्ल्यू को मामले की जांच सौंपी गई परंतु यह जांच अभी भी चल ही रही है। भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने यह मामला विधानसभा में उठाया है। कुशवाह ने बताया कि सात साल से ईओडब्ल्यू में जांच चल रही है पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई। कलेक्टर बार-बार आंशिक जांच भेजकर मामले को लटका रहे हैं। कुशवाह ने बाहर आकर सरकार पर सदन में गलत जवाब देने का आरोप भी लगाया।
प्रश्नकाल के दौरान कुशवाह ने भिंड में 16 साल पहले हुए कम्प्यूटर खरीदी घोटाले की जांच का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि सांसद निधि से 23 स्कूलों में कम्प्यूटर प्रोजेक्टर लगाने में गंभीर अनियमितता प्रमाणित होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। हर बार गलत जानकारी देकर मामले को टाल दिया जाता है।
हाईकोर्ट भी इस मामले में दिशा-निर्देश दे चुका है। इसका जवाब देते हुए सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य ने कहा कि 2011 में ईओडब्ल्यू को मामला सौंपा गया। जांच प्रकरण दर्ज हो गया है। भिंड कलेक्टर से तथ्य मांगे गए हैं। चार बिंदुओं पर जनवरी 2016 में फिर जानकारी मांगी। आंशिक तथ्य मुहैया कराए गए हैं।
जांच के लिए और जानकारी चाहिए, इसके लिए कलेक्टर को लिखा गया है। जैसे ही सभी तथ्य आ जाएंगे, जांच पूरी कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस पर कुशवाह ने कहा कि इसकी कोई समयसीमा तो होगी। बार-बार प्रश्न उठाने पड़ते हैं। आखिर दोषियों के खिलाफ एफआईआर कब होगी। इस पर आर्य ने कहा कि ईओडब्ल्यू स्वतंत्र जांच एजेंसी है। सरकार इस पर दबाव नहीं डाल सकती है।
झूठ बोल रहे हैं मंत्री
सदन के बाहर कुशवाह ने कहा कि पूर्व सांसद ने घपला किया है। कलेक्टर इसमें शामिल है। कलेक्टर का पत्र और जांच रिपोर्ट हमारे पास हैं। इसमें प्रमाणित हुआ कि अनियमितता हुई है। मंत्री झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि चार माह पहले प्रश्न किया था, तब कहा था कि एक माह में जांच करा लेंगे। आज फिर वो ही जवाब आया। कोई न कोई दोषियों को बचा रहा है। एक-एक लाख के कम्प्यूटर खरीदे गए। विधायक-सांसद को राशि भ्रष्टाचार के लिए नहीं मिलती है।