
सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट वीरेंद्र सिंह के अनुसार राजगढ़ जिले में तैनात यातायात निरीक्षक अनिल बावनिया को जेट एयरवेज की सुबह 6ः 55 की फ्लाइट से मुंबई जाना था। सुबह 6ः12 मिनट पर जेट एयरवेज अथॉरिटी ने उनका बैग चेक किया। सुरक्षा जांच के दौरान बैग में चार जिंदा कारतूस निकले। इस मामले के खुलासे के बाद जेट एयरलाइंस स्टाफ ने पूरा मामला सीआईएसएफ को सौंप दिया। सीआईएसएफ ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद टीआई को गांधीनगर पुलिस को सौंप दिया। गांधीनगर टीआई का दावा है कि सीआईएसएफ ने सिर्फ टीआई बामनिया को ही हमें सौंपा है, उन्होंने किसी महिला को हमारे सुपुर्द नहीं किया है।
संदेह की सुई सीआईएसएफ की तरफ
अब सवाल यह है कि जब एयरपोर्ट से टीआई अनिल बामनिया और महिला को साथ पकड़ा गया था तो गांधीनगर थाने में केवल टीआई की सुपुर्दगी क्यों दी गई। उनके साथ पकड़ी गई महिला कहां है। एयरपोर्ट की सुरक्षा जैसे गंभीर मामले में महिला का खुलासा क्यों नहीं किया, यह एक बड़ा सवाल है? पुलिस अब इस पूरे घटना को जांच के नाम पर दबाने की कोशिश में लगी हुई है। संदेह की सुई सीआईएसएफ की तरफ घूम रही है, क्योंकि यदि सीआईएसएफ ने 2 लोगों को हिरासत में लेकर गांधीनगर सुपुर्दगी दी है तो लिखापढ़ी भी की गई होगी। ऐसी स्थिति में गांधीनगर टीआई जो दावा कर रहे हैं वो गलत साबित हो जाएगा।