भोपाल। कुर्सी की लड़ाई कहां नहीं होती और राजनीति में तो सबसे ज्यादा होती है। मध्यप्रदेश के बैतूल में भी एक कुर्सी की लड़ाई लंबे समय से चल रही थी। अंतत: यह लड़ाई खत्म हुई और भाजपा नेता व सहकारी बैंक के चेयरमैन की कुर्सी पर जबरन जमे अशोक पांसे ने कुर्सी को माथा टेककर विदाई ली। आज भाजपा के अशोक पांसे ने सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर अपनी तीन साल पुरानी कुर्सी के सामने नतमस्त होकर छोड़ दिया।
बैतूल के जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अशोक पांसे ने बीते दिनों दो साल से चल आ रही बैंक की समीति से लड़ाई को बड़ी मुश्किल से खत्म किया। पांसे को बैंक के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए भाजपा संगठन और सत्ता को भी काफी मश्क्कत करनी पड़ी। सहकारी बैंक के सभी 22 सदस्य पांसे के खिलाफ थे। इस प्रकरण में भाजपा संगठन और सत्ता की जंग हसाई भी हुई।
बैंक सीईओ एके हरसोला ने बताया कि अध्यक्ष अशोक पांसे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। निर्वाचन पदाधिकारी को हमनें निर्वाचन के लिए प्रस्ताव भेज दिया है। संचालक मंडल यथावत रहेगा सिर्फ अध्यक्ष एवं दो उपाध्यक्ष के लिए निर्वाचन पदाधिकारी से तारीख मिलने के बाद ही चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। इधर इस्तीफा दिए जाने के बाद पांसे बतौर संचालक के तौर पर बैठक में शामिल हुए। उनका कहना था कि पार्टी के आदेश पर इस्तीफा दिया है। इस्तीफे के कारण को लेकर वे चुप्पी साध गए सिर्फ इतना ही कहा कि मैंने कोई गलती नहीं की है।