
गोसलपुर के प्राथमिक शाला खम्हरिया से कक्षा पांचवी पास करने वाले राजा बर्मन पिता प्रकाश (11वर्ष) जो मूलतः मझौली निवासी है जिसकी मां प्रीति बर्मन की हत्या के जुर्म में करीब 8 वर्ष पहले पिता प्रकाश बर्मन जेल चला गया था जिसको पिता के परिवार में कोई आश्रय नही मिलने के कारण राजा अपनी नानी के यहां आ गया लेकिन नानी की आर्थिक स्थिति भी कमजोर होने की वजह से उसे अच्छी परवरिस नही मिल रही थी। राजा की नानी ममता बाई जिस जगह बर्तन मांजने का काम जिस शिक्षिका के घर करती थी। तब शिक्षिका को बच्चे के बारे में जानकारी लगने पर शिक्षिका चन्द्रप्रभा राय ने अपनी पदस्थ शाला में बच्चे को दाखिल करके उसकी पढ़ाई शुरू कराई।
जिसमे शाला की शिक्षिका अंजलि श्रीवास्तव, एवम चन्द्रप्रभा राय ने बच्चे को बेसहारा देख हरसंभव मदद भी जिसे स्कूल के अलावा खुद ही समय निकालकर ट्यूशन देती थी जिसकी बदौलत राजा कक्षा पांचवी में 85 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण हुआ और नवोदय की चयन परीक्षा में चयनित हो गया जिसका श्रेय राजा को शिक्षा देने वाले गुरुओं को जाता है।
पढ़ने और जरूरतें करती थी पूरी
राजा की पढ़ाई के साथ साथ शिक्षिका अंजली और चन्द्रप्रभा पढ़ाई के साथ उसे नए कपड़े भी खरीद कर देती थी जब कभी त्योहार मेला आदि में पैसा भी देती थी जिससे राजा को कभी भी माँ के गुजरने के बाद कभी भी माँ की कमी महसूस नही हुई है राजा जब महज 3 वर्ष का था तभी राजा के पिता ने शराब के नशे में माँ की हत्या कर दी थी जिसके बाद वह जेल चला गया था।