
जो ज्ञान दे, वह गुरु
दद्दा जी ने मीडिया से चर्चा करते हुए गुरुपूर्णिमा व गुरु के महत्व पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतवर्ष में अनेक त्यौहार हैं और उन सभी का अपना महत्व है। इन्हीं पर्वों में एक है गुरुपूर्णिमा। यह पर्व गुरु के सम्मान का पर्व है। जिसमें शिष्य अपने गुरु के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु वह जो ज्ञान दे, अच्छे-बुरे का भेद कराए और लोगों में संस्कार दे। उन्होंने कहा कि गुरु कोई भी हो सकता है। इसमें छोटे-बड़े का फर्क नहीं होता।
सरकारी तंत्र का दुरुपयोग
केबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा हेलीकॉप्टर से दमोह पहुंचे। उनकी आगवानी के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। गुरुपूर्णिमा या इस तरह के कार्यक्रम व्यक्ति के नितांत निजी होते हैं परंतु मंत्रीजी ने अपने निजी कार्यक्रम के लिए भी सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया। वीआईपी कल्चर खत्म करने के नाम पर मोदी सरकार ने भले ही लालबत्तियां बंद कर दीं हों परंतु सरकारी लाव लश्कर तो मंत्रीजी के साथ ही था।
उचित-अनुचित का फैसला कराने ही न्यायालय गए हैं
पेड न्यूज के मामले में चुनाव आयोग द्वारा दोषी करार देने के बाद मंत्री श्री मिश्रा को तीन साल चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने का आदेश दिया है, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली है। इस संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कोई भी स्थगन का आदेश नहीं दिया। उनके साथ उचित हुआ है या अनुचित, इसके लिए उन्होंने न्यायालय की शरण ली है। वे न्यायापालिका का सम्मान करते हैं और अब वहीं उचित, अनुचित का फैसला होगा। इतना कहने के बाद वे रवाना हो गए।