नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में अखिलेश यादव शासनकाल के दौरान हुईं सभी भर्तियों पर अब सीबीआई जांच की तलवार लटक गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) की ओर से की गईं सभी भर्तियों की जांच सीबीआई करेगी। यूपी विधानसभा में इस बात का ऐलान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को किया। योगी ने कहा कि पिछले पांच साल में एक भी भर्ती ऐसी नहीं है, जो विवादित ना रही हो। हमारी सरकार पारदर्शिता की ओर कदम बढ़ा रही है। ऐसे में साल 2012 से यूपीपीएससी की ओर से की गई सारी भर्तियों की जांच की जाएगी।
15 हजार भर्तियों पर ग्रहण
सीबीआई जांच के आदेश के बाद लगभग 15 हजार भर्तियों पर ग्रहण लग गया है। uppsc की ओर से अफसरों, डॉक्टरों, इंजीनियरों आदि की भर्ती की गई थी। सीएम ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान भर्तियों में खूब गड़बड़ी हुई थी। ऐसे में इन भर्तियों की सीबीआई जांच जरूरी है। इस दौरान गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि अखिलेश सरकार के दौरान यूपीपीएससी की भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। यहां तक कि यूपीपीएससी पर एक जाति विशेष के लोगों को भर्तियों में तरजीह के भी आरोप लगे।
अनिल यादव की बढ़ेगी मुश्किलें!
माना जा रहा है कि योगी सरकार के इस फैसले से यूपीपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन अनिल यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अनिल यादव पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है।इससे पहले योगी सरकार ने करप्शन की शिकायत के बाद यूपीपीएसी की ओर से की जा रही 22 भर्तियों के इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी।