
दरअसल, अजमेर सिंह जोकि ढिंढोरी जिले का रहने वाला है और कामकाज करने के लिए पत्नी के साथ गुजरात गया था। दो माह पूर्व उसे फोड़े हुए थे, जिसका ठीक से उपचार नहीं मिलने पर इंफेक्शन हो गया था। जिसके बाद उपचार करवाया गया, तो ठीक हो गया। पर फिर से इंफेक्शन हो गया और वह चलने फिरने से लाचार हो गया।
उसकी पत्नी उसको लेकर अपने रिश्तेदार के घर राजगढ़ पहुंची और फिर वह धार के जिला भोज अस्पताल पहुंची। जहां चिकित्सकों ने उसको देखा और कुछ जांच लिखी। पर ग्रामीण महिला को यह नहीं पता था कि इस सबसे बड़े अस्पताल में जांच कहां होती है। लैब कहां पर है। लिहाजा महिला पति को कंधे पर बैठाकर इधर से उधर घूमती रही। पर अस्पताल के किसी भी जिम्मेदार ने व्हील चेयर बुलवाने की कोशिश नहीं की। क्योंकि व्हील चेयर जहां रखा गया था, उस कमरे में ताला जड़ा हुआ था। महिला ने बताया कि उसने अस्पताल की दूसरी मंजिल तक अपने कंधों पर पति को ले जाकर भर्ती करवाया।