
गौरतलब है कि चौथे वनडे में हार्दिक ऐसे समय पर आउट हो गए थे जब टीम को उनकी जरूरत थी. भारत को जब 31 गेंद में 29 रन की दरकार थी जब पांड्या (21 गेंद में 20 रन) पेवेलियन लौट गए और भारत को अंतत: 11 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा. पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने विकेट पर रुकने का जज्बा दिखाया लेकिन उनकी अर्धशतकीय पारी न केवल बेहद धीमी रही बल्कि वे आखिरी क्षणों में आउट भी हो गए.
पिछला मैच उन मैचों में से था जब चीजें आपके पक्ष में नहीं होती. 'चैंपियंस ट्रॉफी' फाइनल में रवीद्र जडेजा के साथ गलतफहमी का शिकार होने के बाद रन आउट होने से पहले पांड्या अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और इस आलराउंडर ने कहा कि वह नाराज थे लेकिन इससे उबरने में अधिक समय नहीं लगा.
पांड्या ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो सिर्फ तीन मिनट लगे. यह सिर्फ त्वरित प्रतिक्रिया थी. मुझे तेजी से गुस्सा आ गया और कुछ मिनट बाद मैं ड्रेसिंग रूम में हंस रहा था. मुझे देखकर कुछ और खिलाड़ी भी हंस रहे थे.' पंड्या ने कहा कि आईपीएल में मुंबई इंडियन्स टीम के अपने साथियों के कारण उन्हें वेस्टइंडीज आने से पहले ही कैरेबियन द्वीप की परिस्थितियों की जानकारी थी। उन्होंने कहा, 'मैं कई नामों (कीरोन पोलार्ड और लेंडल सिमंस जो वनडे टीम का हिस्सा नहीं हैं) के काफी करीब हूं. सबसे पहले मैंने पोलार्ड को फोन किया. मैंने उनसे पिचों और हालात के बारे में पूछा. वे किसी अन्य मां से मेरे भाई हैं. उनके खिलाफ खेलना अच्छा होगा.'
पांड्या को बड़े छक्के जड़ने के लिए जाना जाता है लेकिन मैच की स्थिति के अनुसार उन्होंने धैर्यपूर्ण पारियां भी खेली हैं. पांड्या के अनुसार कप्तान विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबाव से निपटने में उनकी मदद की है.उन्होंने कहा, ' कप्तान विराट कोहली ने काफी मदद की. मुझे याद है कि जब मैंने इंग्लैंड के खिलाफ 43 गेंद में 40 रन बनाकर मैच खत्म किया तो उस दिन विराट ने मुझे कहा कि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट 'कॉपी-पेस्ट' की तरह है और आपको अपने प्रदर्शन को दोहराना होगा. मैं इन सभी चीजों को दिमाग में रखता हूं. खिलाड़ियों पर उसका काफी प्रभाव है.'