मोदी सरकार ने ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट शुरू किया है। यह एक मोबाइल एप भी है। यहां किसान आसान सी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करके अपनी फसल को घर बैठे बेच सकते हैं। इसके लिए उन्हे मंडी की लंबी लाइनों में नहीं लगना होगा। फसल का सारा सौदा बैंक खाते में आ जाएगा और मंडी टैक्स अपने आप मंडी के पास चला जाएगा। इतना ही नहीं व्यापारी भी अपने गद्दी पर बैठे बैठे बोली लगा सकेंगे। जिसकी बोली सबसे ज्यादा होगी। किसान की फसल उस व्यापारी को दे दी जाएगी। किसान को उपज की ज्यादा से ज्यादा कीमत मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने (ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) ई-नैम की शुरुआत की है ताकि जो माल वह बेचे, उस पर पूरे देश के व्यापारी बोली लगा सकें।
पैसा कैसे मिलेगा
ई-नैम के तहत होने वाली बिक्री का भुगतान पाने के लिए स्टेट बैंक और आइसीआइसीआइ को नियुक्त किया गया है। सबसे अधिक बोली लगाकर खरीदारी करने वाला व्यापारी इन बैंकों के एसक्रो एकाउंट में भुगतान करेगा। इस खाते में से मंडी शुल्क की राशि मंडी को मिल जाएगी और बाकी भुगतान किसान के पास चला जाएगा।
किसान को क्या करना होगा
किसान को केवल रजिस्ट्रेशन करना है। इधर मंडी कुछ खाद्यान्न जांच एजेंसियों को मान्यता देगी। किसान अपनी उपज का थोड़ा हिस्सा उन एजेंसियों में ले जाकर जांच करवाएगा। यहां बताया जाएगा कि उसका खाद्यान्न किस श्रेणी का है। इसके बाद किसान एप पर अपने खाद्यान्न की श्रेणी और मात्रा लिख देगा जिस पर व्यापारी बोली लगा उसे खरीद सकेंगे। यह सारी प्रक्रिया मोबाइल पर हो सकेगी, उसके लिए किसी कंप्यूटर के सामने बैठने की जरूरत नहीं है।
अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार के हेल्पलाइन नंबर 180027002224 पर संपर्क कर सकते हैं।
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